
आज मैंने बहुत अच्छी ओर गहराई वाली लाईन पढ़ी....
न मन्दिर गया न मस्जिद गया..*मैं "भीतर" गया*
जीवन में किसी का *भला* करोगे,
तो *लाभ* होगा क्योंकि *भला* का उल्टा *लाभ* होता है।
और जीवन में किसी पर *दया* करोगे,
तो वो *याद* करेगा क्योंकि *दया* का उल्टा *याद* होता है.
*जब कोई “हाथ” और “साथ”*
*दोनों ही छोड़ देता है,*
*तब “कुदरत” कोई न कोई*
*उंगली पकड़ने वाला भेज देता है,*
*इसी का नाम “जिदंगी” है...!!*
*मुस्कुरा कर चलते रहिए..!!*
🙏🌹🙏
🌺🌺😊
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